एक ओर जहां पुलिसवाले अपराधियों को पकड़े या न पकड़े मगर आम लोगों पर अपने वर्दी का रौब जरूर दिखाते नजर आ जाते हैं , अपने को वीआईपी समझने लगते हैं और लोगों से ठीक से बात तक नहीं करतें मगर बिहार पुलिस के प्रसिद्ध आईपीएस और वर्तमान में एसटीएफ के एसपी श्री शिवदीप लांडे इस मामले में भी सबसे अलग है।
शनिवार को शिवदीप लांडे सोशल साईट फेसबुक पर पहली बार लाईव लोगों के बीच जाकर, लोगों से बात चीत की और उनके सवालों के जवाब दिये। सोशल साईट पर लोगों के बिच लाईव इंटरएक्टसन करने वाले वे देश के पहले आइएएस या आईपीएस अफसर बन गये है।
बिहार में शिवदीप लांडे का रुतबा और उनके लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकतें हैं कि उनके लाईव आते ही लोगों ने सवालों की झड़ी लगा दी। एक ही साथ इतने सवाल आ रहें थे कि खुद शिवदीप लांडे भी नहीं पढ़ पा रहें थे। मजबूरन उन्हे कहना पडा की, कृपया सवाल धीरे-धीरे पूछे।
पहले ही लाईव इंटरएक्सन से लांडे ने कई रिकोर्ड को ध्वस्त कर दिये। यह पूरे देश में अबतक का टॉप-10 लाईव इंटरएक्सन में जगह बनाने में कामयाब रहा। उनके सोशल मिडिया टीम ने बताया की मात्र एक घंटा में लोगों ने लगभग पांच हजार सवाल पूछें है जिसमें से एक भी नकारात्मक सवाल नहीं मिला, उनमें से चुनिंदा सवालों के जवाब जल्द ही शिवदीप लांडे देंगे।
प्रायः युवा लोग फिल्मी हिरो या क्रिकेटर सब के दिवाने होते हैं, उनको फौलो करतें हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं मगर बिहार में युवा लोग शिवदीप लांडे को अपना हिरो मानते हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते है।
लाईव इंटरएक्सन के दौरान लोगों के बातों से भी यह पता चलता है।
लोगों ने उन से चश्मा और टोपी लगा के दिखाने के आग्रह किया तो उके पसंदीदा फल क्या है? यह भी पूछ रहें थे तो उनके फिटनेस का राज भी उनसे पूछा।
लोगों ने उनसे भोजपुरी में कुछ बोलने को भी कहां जिसपर शिवदीप लांडे ने लोगों को भोजपुरी में एक संदेश दिया ” जिंदगी में कभी ना डर के रहे के चाही.. माँ-बाबू के ख्याल रखे के चाही.. “
एक बार उन्होने फिर दोहराया कि महाराष्ट्र मेरी जन्मदिन भूमि जरूर है मगर बिहार मेरी कर्मभूमि है, बिहार ने ही मुझे पहचान दिया है।
कई लोगों ने यह भी कहा कि मैं भी आपकी तरह यूपीएससी पास करना चाहता हूँ जिसपर लांडे ने कहां कि समाज सेवा करने के लिए यूपीएससी पास करना ही जरूरी नहीं है आप दुसरे तरीकों से भी समाज का सेवा कर सकते है। सिर्फ यूपीएससी क्रैक या पास करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि किसी भी तरह समाज की सेवा के बारे में सोचना चाहिए।
बहुत से लोगों ने उन से मिलने कि इच्छा प्रकट की जिसपर लांडे ने कहा वे उनके पटना स्थित उनके कार्यालय में मिलने आ सकतेयहै साथ ही उन्होने ने अपना मोबाईल नं. भी लोगों के साथ शेयर किया।
लोगों द्वारा उन्हें सिंघम और दबंग कहने पे उन्होने कहां की मैं न ही मैं सिंघम हूँ और न हीं कोई दबंग। मेरे माता-पिता ने मेरा नाम शिवदीप रखा है और मैं सिर्फ शिवदीप हूं।