पटना: बिहार की राजधानी पटना केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी के लिस्ट में शामिल नहीं है मगर पटना को स्मार्ट बनाने के लिए पटना नगर निगम ने अपनी कबायद शुरू कर दी है।
नगर निगम ने स्मार्ट पटना का पहला खाका शनिवार को पेश किया। स्मार्ट सिटी कैंपेन में प्रोजेक्ट तैयार कर रही कंपनी ने पूरे पटना और क्षेत्र विशेष के विकास का अलग-अलग प्रेजेंटेशन स्टेकहोल्डर्स को दिखाया। कैंपेन के तहत अगले दो माह आम लोगों-विशेषज्ञों से सुझाव लिए जाएंगे। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम में 500 एकड़ की योजनाएं ली जानी हैं। यहां का विकास रेट्रोफिटिंग के जरिए किया जाना है। इसके लिए दो इलाके चुने गए हैं।
– पहला इलाका गांधी मैदान के आसपास का इलाका, जिसमें गोलघर, सिन्हा लाइब्रेरी, लोदीपुर, दुजरा आदि शामिल हैं।
– यहां सरकारी और निजी भवनों का रेट्रोफिटिंग किया जाएगा। दूसरा इलाका कंकड़बाग है, जिसमें पीसी कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी शामिल है।
– यह आवासीय इलाका है। स्मार्ट सिटी योजना में करीब 50 एकड़ की भूमि को रि-डेवलप किया जा सकता है।
– इसके लिए 63.4 एकड़ में फैले गर्दनीबाग और 53.4 एकड़ में फैले पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया का प्रस्ताव दिया गया है।
– गंगा दियारा को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित किया जा सकता है। पैन सिटी यानी पूरे शहर के लिए पांच प्रमुख योजनाओं का सुझाव है।
– इसमें जलापूर्ति, बिजली आपूर्ति, स्टॉर्म वाटर मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और म्युनिसिपैलिटी गवर्नेंस मैनेजमेंट शामिल हैं।
– ट्रैफिक एसपी पीके दास ने ई-चालान व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया।
– एम्स, पटना के अधीक्षक डॉ. उमेश कुमार भदानी ने रैपिड ट्रांजिट सिस्टम लागू करने और एम्स के आसपास के इलाके को एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्लान में शामिल करने का सुझाव दिया।
– दीघा विधायक संजीव चौरसिया ने राजधानी की जलनिकासी की समस्या के समाधान के लिए नए सिरे से प्रयास करने का सुझाव दिया।
– बीआईए के रामलाल खेतान ने उद्योगों के लिए अलग व्यवस्था करने की बात कही। शुरुआत में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कैंपेन का खाका प्रस्तुत किया।
सहयोग-सुझाव से स्मार्ट बनेगा पटना
– स्मार्ट सिटी कैंपेन की शुरुआत के मौके पर नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि सबके सहयोग और सुझाव से पटना स्मार्ट सिटी बनेगा।
– विजन और काम करने के तरीके में बदलाव लाना होगा। केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि पटना का विकास अनियोजित हुआ है।
– पेयजल, जलनिकासी व ट्रैफिक बड़ी समस्या है। इसे प्रोजेक्ट में शामिल करना चाहिए।
हाल ही में आए एक सर्वेक्षण में पटना को सबसे गंदा राजधानी कहा गया है। इसके बाद पटना नगर निगम की नींद टूटी है। पटना बिहार के राजधानी के साथ बिहार का सबसे बडा शहर है और साथ ही बिहार का गौरव है। पटना को स्मार्ट बनाने के लिए इमानदार प्रयास जरूरी है।