बिहार के इस जिले के 5 ब्लॉक में किसानों के फसल पानी में डूब गये तो 12 ब्लॉक में किसानों के फसल सूख रहे है

बिहार में प्रकृति की गजब लीला देखने को मिल रहा है।  एक तरफ लोग भयंकर बाढ़ से परेशान है तो दूसरे तरफ पानी के बिना सूखे से बेहाल है।  दुसरे राज्यों में हुए बाढ के कारण बिहार बाढ से ग्रस्त है तो राज्य में बारिश न होने से बिहार का आधा हिस्सा सूखे के चपेत में है।

 

हाजीपुर जिले के गंगा के तटीय क्षेत्र हाजीपुर, राघोपुर, महनार, बिदुपुर एवं सहदेई में बाढ़ ने कहर ढाया है। हाजीपुर, बिदुपुर एवं सहदेई एवं महनार में आंशिक तो राघोपुर में बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। भीषण बाढ़ से राघोपुर के लोग उबर नहीं सके हैं। बाढ़ से करीब ढ़ाई लाख की आबादी प्रभावित हुई है। करीब 50 हजार लोग विस्थापित हुए हैं।

 

बाढ़ से विस्थापित होकर शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों के बीच जिला प्रशासन के स्तर से राहत कार्य चलाया जा रहा है। इसके ठीक उलट जिले के शेष 12 प्रखंडों में खासकर किसानों को सुखार का सामना करना पड़ रहा है।

 

कहीं बाढ़ है तो कहीं सूखा

गंगा के तटवर्ती इलाके के लोग भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। राघोपुर को छोड़कर हाजीपुर, महनार, बिदुपुर, सहदेई, देसरी प्रखंड के लोग भले अपने घरों में सुरक्षित हों पर उनके मुंह से निवाला छिन चुका है। गंगा के इस मैदानी इलाके में केले की सघन खेती होती है। खरीफ फसलों में धान, मक्का, उड़द, अरहर बुरी तरह तबाह हो चुकी हैं।

52 हजार हेक्टेयर में हुई धान की खेती

जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने जिले में 90 फीसदी यानि कुल 58 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल आच्छादन होने का दावा किया है। उनके मुताबिक जिले में खरीफ फसल आच्छादन लक्ष्य 65 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध 90 प्रतिशत यानि 58 हजार हेक्टेयर में खरीफ की खेती हुई है।

 

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