इसी साल पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पीटल को सूबे का अच्छे मल्टी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का अवार्ड दिया गया। उन्हें यह अवार्ड एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के बिहार चैप्टर की ओर से दिया गया है।
अपने महंगे बिल के लिए प्रसिद्ध इस हॉस्पीटल का पोल आज खुल गया। एक साहसी लडकी के कारण इस हॉस्पीटल में हो रहे इलाज के नाम पर लूट का पर्दाफाश हो गया। बिल बढाने के लिए मरे हुए मरीजों का भी फर्जी इलाज कराने का आरोप है।
शिवहर की रहने वाली महिला को उसके परिजनों ने इलाज़ के लिए पटना के पारस हॉस्पिटल में 6 अगस्त को भर्ती कराया था। अस्पताल प्रबंधन ने 14 अगस्त के बाद आईसीयू में भर्ती महिला को देखने की इजाज़त उसके परिजनों को ये कहकर नहीं दिया कि मरीज़ क्रिटिकल है। आज महिला के बेटी किसी तरह आईसीयू में गई तो देखकर सन्न रह गई की उसकी मां मृत है। मॉनिटर में प्लस और हार्ट बीट ज़ीरो दिख रहा था। मृत महिला की बेटी ने जब चिल्लाना शुरू किया तब हॉस्पिटल स्टाफ़ दिखाने के लिए इलाज़ का नाटक करने लगे। बेटी ने साहस दिखाते हुए अपने मोबाइल से वीडियो बनाया। हॉस्पिटल स्टाफ ने उसे मारने और मोबाइल तोड़ने की कोशिश की लेकिन वीडियो अब सबके सामने है।
बिहार के सबसे बडे निजी अस्पताल में हो रहे ये फर्जीवाडा सरकार को आईना दिखाने के लिए काफी हैं। बहुत से ऐसे मामले तो सबूत के अभाव में दब जाते हैं और लोगों के सामने भी नही आ पाते हैं। यह बहुत गंभीर मामला है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसे अस्पतालों और डाक्टरों पर कडी कारवाई करनी चाहिए।