राजधानी पटना में 18 जुलाई 1998 को जन्मे भारतीय अंडर 19 टीम के कफ्तान ईशान किशन मुख्यतः बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं।
श्री प्रणव पांडे एवं सुमित्रा सिंह के छोटे पुत्र ईशान जिस नाम से शायद भारत का कोई क्रिकेट-प्रेमी अंजान नही होगा, अपने शानदार नेतृत्व के बदौलत फ़रवरी 2016 में बांग्लादेश में आयोजित अंडर 19 विश्वकप में भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचाने वाला खिलाड़ी आज 18 वर्ष के हो गए हैं।
ईशान बताते है की वो बचपन में क्रिकेट सिर्फ मस्ती के लिए खेला करते थे उन्हें क्रिकेट में कोई खास दिलचस्पी नही थी जबकि उनके बड़े भाई राज किशन एक अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते थे दोनों भाई शुरुआत के दिनों में पटना स्थित कोच उत्तम मजूमदार के कोचिंग में क्रिकेट खेला करते थे, उत्तम ईशान के खेल से काफी प्रभावित हुए और उन्हें लगा ये भविष्य में एक अच्छा क्रिकेटर बन सकता है इसके लिए उत्तम ने ईशान के पिता से मिलकर उन्हें झारखण्ड भेजने का सलाह दिया चुकी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का मान्यता बीसीसीआई द्वारा रद्द कर किया जा चूका है। क्रिकेट में अपना भविष्य संवारने के लिए ईशान वर्ष 2013 में रांची चले गए।
शुरआती मैचों में ही किया कमाल
ईशान को झारखंड की ओर से पहला रणजी मैच खेलने का मौका 2014 के अंत में असम के खिलाफ मिला। इस मैच में उन्होंने ओपनिंग की। ईशान ने टिककर खेलने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 126 गेंदों में 60 रन बनाए, जिसमें 9 चौके शामिल थे। उन्होंने अभी तक प्रथम श्रेणी के 10 मैच खेले हैं, जिनमें 736 रन बनाए हैं। उनका औसत 40.88 है। ईशान के खाते में एक सेंचुरी और पांच फिफ्टी हैं, जबकि विकेटकीपर के रूप में उन्होंने अब तक 13 कैच और 5 स्टम्पिंग की हैं।
द्रविड हुए ईशान से प्रभावित दिया कफ्तानी का जिम्मा
अंडर-19 टीम के कोच और टीम इंडिया के दिग्गज ब्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ वर्ल्ड कप से पहले टीम के खिलाड़ियों को भलीभांति परख लेना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रोटेशन पॉलिसी अपनाई और न केवल खिलाड़ियों को रोटेट किया बल्कि कप्तान भी बदले। द्रविड़ ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में जहां विराट सिंह और रिकी भुई को कप्तान के रूप में मौका दिया, वहीं हाल ही में भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में ऋषभ पंत और ईशान किशन को कप्तान के रूप में परखा। वे ईशान किशन की नेतृत्व क्षमता और खेल से प्रभावित हुए और संभवत: उनकी ही रिपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद की अध्यक्षता वाली जूनियर चयन समिति ने ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए कप्तान चुन लिया।
बांग्लादेश में खेले गए विश्वकप टूर्नामेंट में ईशान भले ही बल्ले से कमाल नही दिखा पाये पर अपने कफ्तानी के बदौलत भारतीय टीम को फाइनल तक पहुंचकर कोच राहुल द्रविड़ का दिल जीत लिया, फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज के हाथों मिली हार का जिम्मा ईशान ने अपने ऊपर लिया और देश के तमाम खेलप्रेमियों से माफ़ी मांगी।
टूर्नामेंट के दौरान ही ईशान का चयन आईपीएल 9 में गुजरात लायंस ने की। ईशान को गुजरात लायंस के मालिक केशव बंसल ने 35 लाख रुपयों में खरीदा।
क्रिकेट विशेषज्ञों की माने तो ईशान भविष्य में महेंद्र सिंह धोनी का जगह ले सकते हैं, ईशान और धोनी में कई समानताएं भी हैं ईशान धोनी के तरह ही झारखण्ड से रणजी खेलते हैं और उनके ही तरह आक्रमक विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। ईशान पूर्व आस्ट्रेलियाई कफ्तान एडम गिलक्रिस्ट को अपना आदर्श मानते हैं और उनके ही तरह भविष्य में एक अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते हैं।
ईशान किशन के कफ्तान बनने के बाद उप-मुख्यमंत्री तेजस्वीतेजस्वी यादव भी बिहार में क्रिकेट को बढ़ावा देने में जुट गए हैं और बीसीसीआई से कई बार बीसीए की सम्बद्धत्ता के लिए अपील भी कर चुके हैं।
आपन बिहार की ओर से बिहार के लाल ईशान को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।