पटना: मुंबई के मरीन ड्राईव और लंदन के टेम्स पाथ की तर्ज पर पटना के गंगा घाटों को भी जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम चल रही है। पूरे 3330 करोड़ की यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
गंगा के तटों की खूबसूरती समेटते हुए 40 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का काम जारी है जो लंदन में टेम्स नदी के किनारे पर बिछे 60 किलोमीटर लंबे टेम्स पाथ से तो छोटा होगा पर मुंबई के मरीन ड्राइव से तेरह गुना बड़ा होगा।
गंगा पाथ का पूरा होना स्टेट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेक्टर में बड़ी उपलब्धि होगी. बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के सूत्रों का कहना है कि इस टेंडर के लिए सात में से चार कंपनियों ने क्वालिफाई किया था, जिनमें फाइनली नवयुग को इंजीनियरिंग प्रिक्योरमेंट कांट्रेक्ट (ईपीसी) मोड पर टेंडर अवार्ड किया गया. गंगा पाथ में 50 परसेंट रोड और 50 परसेंट एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे. कंपनी को कॉरपोरेशन की ओर से लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस भी इश्यू कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन कॉस्ट करीब 2000 करोड़ रुपए है. दूसरे एक्सपेंस जैसे लैंड एक्वीजिशन आदि को लेकर टोटल 3330 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है.
अभी तक 2 KM तक का पिलर तैयार हो चुका है। यह 31 अगस्त 2019 तक पूरी तरह बन के तैयार हो जाएगा।
– टोटल 3330 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
– कंस्ट्रक्शन वर्क 2000 करोड रुपए का
– गंगा के किनारे 21.5 किमी लंबी सड़क
– पटना वेस्ट को नार्थ पार्ट से जोड़ेगी यह सड़क
– 50 परसेंट रोड और 50 परसेंट एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे
क्या होगा फायदा
पटना वेस्ट से होकर नार्थ बिहार जाने में पहले जहां 2 घंटे का एक्स्ट्रा सफर तय करना पड़ता था, इस ड्र्राइव वे के बनने के बाद यह डिस्टेंंस सिर्फ 20 मिनट में ही तय किया जा सकेगा.
Highlights
गंगा पाथ के नाम की भी इंटररेस्टिंग स्टोरी है. 2005 में जब इस प्रोजेक्ट का सपना बुना गया था, तो इसे गंगा एक्सप्रेस वे का नाम दिया गया. फिर बाद में इसे गंगा ड्राइव वे कहा गया. कुछ दिनों के लिए इसे सिग्नेचर रोड कहा गया, फिर फाइनली गंगा पाथ के नाम पर मुहर लग गई. ईपीसी मोड के तहत प्रोजेक्ट कॉस्ट का 60 परसेंट कंपनी और 40 परसेंट गवर्नमेंट देती है.
बिहार सरकार ने गंगा पर्यटन को विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम बनाया है। इसके तहत गंगा में तैरता रेस्तरां स्थापित हो चुका है। पटना और हाजीपुर के बीच गंगा किनारे बने टापू को पर्यटन स्थल का रूप दिया जा चुका है और गंगा आरती भी शुरू हो गई है।