सावन का पावण महिना शुरू हो चुका है। चारो तरफ बोल-बम का नारें लगाये जा रहें हैं।शिव भक्त गेरुआ वस्त्र पहने हुए काँधे पे कांवड़ लिए भोले बाबा को जल चढाने के लिए जाते हुए नज़र आते है। आईये जानते है बिहार के प्रसिद्ध शिव मंदिर के बारे में…
बाबा गरीब नाथ, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर का गरीब नाथ मंदिर में हर साल सावन में लाखो श्रद्धालु कावड़ ले के आते है! बाबा के भक्त सोनपुर के पास पहलेजा घाट से दक्षिण वाहिनी गंगा का पवित्र गंगा जल ले के सोनपुर हाजीपुर के रास्ते 65 KM की यात्रा नंगे पाँव पूरी कर के बाबा को जल चढ़ाते है! यह बिहार की सबसे लम्बी दुरी की कावड़ यात्रा है!
हरिहर नाथ, सोनपुर
हरिहर नाथ, पावन नारायणी नदी के तट पे भगवान हरी और हर का एक पौराणिक मंदिर है! यहाँ पौराणिक कथा के अनुसार गज और ग्राह की लड़ाई हुए थी, जिसमे खुद भगवान् विष्णु ने आ के गज की सहायता की थी! बाबा गरीब नाथ कावड़ ले के जाने बाले श्रद्धालु हरिहर नाथ पे जल चढ़ाना नहीं भूलते! कार्तिक पूर्णिमा से लगभग एक महीने के लिए यहाँ मेला लगता है! यह मेल सोनपुर मेला या छत्तर मेला के नाम से मसहूर है!
मुंडेश्वरी, कैमूर
कैमूर जिला में मुंडेश्वरी पहाड़ी पे मुंडेश्वरी मंदिर है! यहाँ भगवान शिव और माता सकती की पूजा होती है! यह बिहार का सबसे पुराना मंदिर है! नवरात्री में यहाँ में मेला भी लगता है!
कपिलेश्वर, मधुबनी
मधुबनी से 9KM दूर एक छोटे से गाँव में भगवान शिव का है, कपिलेश्वर मंदिर के कारन ही इस गांव कपिलेश्वर परा । विशेष रूप से श्रावण के महीने के दौरान सोमवार को असाधारण भीड़ होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में एक बहुत बड़ा मेला लगता है!
अजगैबीनाथ, सुल्तानगंज
बाबा धाम जाने बाले कावड़ यात्री यही से पवित्र गंगा जल ले के लगभग 109 KM की पैदल यात्रा कर के देवघर में बाबा को जल चढ़ाते है! पुरे सावन यहाँ पे लाखों कावड़ियो आते है!
ब्रह्मेश्वर नाथ , बक्सर
ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर बक्सर जिले में स्थित है। ब्रह्मपुर का मतलब संस्कृत में “ब्रह्मा के शहर” है। भगवान शिव का शिवलिंग वर्ष सैकड़ों वर्ष पुराना है! ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के कारन इस जगह का नाम ब्रह्मपुर पर है !