बिहार के युवाओं के लिए एक बड़ी पहल करते हुए लालू प्रसाद ने कहा है कि राज्य की नौकरियों और शिक्षिण संस्थानों में 80 प्रतिशत आरक्षण बिहारी युवाओं के लिए होना चाहिए।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के युवकों को राज्य की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 80 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘दूसरे राज्यों जैसे आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और केरल की तरह बिहार में भी यहां के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 80 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।’ लालू ने कहा, ‘मैं इस मामले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने रखूंगा।’ बिहार सरकार के महागठबंधन में उनकी पार्टी की बड़ी हिस्सेदारी है।
आरजेडी प्रमुख ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के संस्थानों की कमी के चलते यहां के युवाओं को राज्य से बाहर जाना पड़ता है। दूसरे राज्यों में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण होने की वजह से उन्हें नौकरी भी नहीं मिलती और वे निराश हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे नियम न होने की वजह से दूसरे राज्यों के लोग तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों में प्रफेसर के पद पर जमे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई सहायक प्रफेसर के पद के लिए परीक्षा में 80 फीसदी उम्मीदवार दूसरे राज्यों के थे। उन्होंने बताया, ‘केरल और पश्चिम बंगाल में मार्किंग पैटर्न अलग हैं, इसलिए उनको ज्यादा नंबर मिलते हैं। इस स्थिति में वे रोजगार के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेते हैं और बिहार के लोग बेरोजगार रह जाते हैं।’
लालू यादव ने बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल उठाई है। इस पर जरूर विचार किया जाना चाहिए। अगर दूसरे राज्य में ऐसी प्रावधान किया गया है तो बिहार में क्यों नहीं?