बिहार: कुछ लोगों को जब भी मौका मिलता है बिहार को बदनाम करने लगते है। उनको तो बस एक बहाना चाहिए बिहार को गाली देने के लिए।
बिहार के शिक्षा व्यवस्था से एक बडी चूक हुई है, इसकी जितनी भी आलोचना कि जाए कम है और इसकी आलोचना होनी भी चाहिए। मगर इसके नाम पर पूरे बिहार को बदनाम करना कितना उचित है?
कुछ फर्जी टॉपर के नाम पर पूरे बिहार के छात्र पर सवाल उठाना कितना उचित है? क्या दुसरे बोर्ड में कभी ऐसी चूक नहीं होती?
बिहार को बदनाम करने की इस साजिश को रोकने के लिए सोशल मिडिया पर एक मुहीम चलाया जा रहा है #MtBadnamKroBiharKo जिसे लोगो का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और शेयर किया जा रहा है।
बिहार के एक सेक्शन के लोग आईआईटी की लड़की सेक्शन में पूरे देश में टॉप करने या सुपर 30 के 27 गरीब बच्चों को आईआईटी में जाने से लगता है खुश नहीं हैं. वह इसे बिहार की सफलता से नहीं जोड़ेंगे. लेकिन फर्जी टॉपर की कही कहानी आयी तो खुद कुछ एलीट बिहारियों ने कोई कसर नहीं छोड़ा उसे बिहार का प्रतीक बनाने की.
एक मामला को मुद्दा बना लोग यह खूब प्रचार कर रहे हैं कि बिहार फर्जी टॉपरो का फैक्ट्री है मगर हर साल और इस साल भी बिहार के एक गाँव से आइआइटी के प्रवेस परीक्षा में सफल हो धमाल मचा रहे हैं उस परर सब चुप क्यों है?
कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि बिहार का सभी टॉपर ललन टॉप है मगर उनकों शायद यह पता नहीं उसी बिहार के पूर्व टॉपर कई देशों में भारत के राजदूत है।
आपन बिहार द्वारा शुरू किया गया बिहार को बदनाम करने वालो के खिलाफ यह यह मुहीम पूरे सोशल मिडिया पर छा चुका है। बहुत तेजी से इसे शेयर किया जा रहा है और लोगों की जबरदस्त समर्थन एवं प्रतिक्रिया मिल रही है।