बिहार पहले अपराधिक घटनाओं के मामले में देश में लिस्ट टॉप 10 में रहा करता था मगर अब हालात कुछ अलग है। अब बिहार का न. निचे से टॉप 10 में आता है। इसका श्रेय सरकार के साथ बिहार पुलिस को भी जाता है।
इसका एक कारण बिहार पुलिस में आये नये, जोशीले, ईमानदार और बहादुर जवान भी है जो पैसों से ज्यादा महत्व अपने कर्तव्यों को देते है।
उसी बहादुर जवान में से एक है मोतिहारी के वर्तमान एसएसपी और पटना के पूर्व एसएसपी जितेंद्र राणा।
आपको बता दे बता कि आईपीएस जितेन्द्र वही शख्स हैं, जिन्होंने अनंत सिंह की गिरफ्तारी का फरमान निकाला था। हालांकि बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को सलाखों के पीछे डालने में पटना के एसएसपी विकास वैभव की अहम भूमिका रही। लेकिन जितेन्द्र राणा ने बाहुबली के गिरफ्तारी की रूपरेखा पहले ही तैयार कर ली थी।
बाहुबली अनंत सिंह उस समय के पटना के एसएसपी राणा से इतने भयभीत हो गये थे कि गिरफ्तारी के ठीक एक दिन पहले बिहार सरकार ने बाहुबली के दवाब के कारण उनका ट्रांसफर पूर्वी चंपारण में एसपी के पद पर कर दिया था।
एसपी राणा का सिंघम स्टाईल लोगों को तब देखने मिला जब पटना में रैली के दौरान उत्पातियों को काबू करने के लिए हाथों में AK 47 बन्दूक उठाई थी। उनका यह रवैया मीडिया की सुर्खियां बना था।
अपनी बेबाक छवि के लिए मशहूर आईपीएस जितेन्द्र राणा दिल्ली के स्टीफेंस कॉलेज से ग्रैजुएट हैं, वहीं उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन किया है।
अभी जितेंद्र राणा मोतिहारी के एसपी है। वहां भी अपने कामों के लिए वह चर्चा में है। सौ करोड़ की फिरौती के लिए नेपाल के बीरगंज से सुरेश केडिया का अपहरण बक्सर जेल में बंद शातिर अपराधी बबलू दूबे ने कराया था ।
पर बिहार पुलिस की जोरदार दबिश के कारण अपहर्ता कामयाब नहीं हो सके । मोतिहारी एसपी जितेंद्र राणा ने तीखी पुलिसिंग कर 48 घंटों में गिरोह की कमर तोड़ दी थी।