गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर हमला हुआ, जान बचाकर भागे मांझी

बिहार में लगातार कानून व्यवस्था लड़खरा रही है।  लगातार कोई न कोई अपराधिक घटना हो रही है।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लाख आश्वासन के वाबजूद हालात बिगरते जा रहे है।  अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है। 

 

आज तो हद हो गई साहब, गया के डुमरिया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिला पर हमला हुआ है। हमलावरों ने उनके काफिले में शामिल में एक गाड़ी को भी फूंक दिया। हालत ये रही कि जीतन मांझी को जान बचाकर भागना पड़ा।

 

कर गया के इमांमगंज में एक लोजपा नेता की हत्या कर दी गई थी।  इसी को ले कर इलाके में तनाव का माहौल था।  लोग सड़क पे लाश रख प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे। हत्या के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। गुरुवार सुबह जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने काफिले के साथ मृतकों के परिजनों से मिलने उनके घर जा रहे थे, तभी डुमरिया मोड़ के पास उग्र भी ने उनके काफिले पर हमला कर दिया।

बच गये मांझी

 

एलजेपी नेता चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नेताओं को जानबूझ कर टारगेट करके ऐसी घटनाओ को अंजाम दिया जा रहा है। ये लाख कोशिश कर ले लेकिन मैं भी गया ही जा रहा हूं।

 

इधर, बढ़ते अपराध के विरोध में गया जिला मुख्यालय पर विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डाॅ. प्रेम कुमार के नेतृत्व में भाजपा के धरना शुरू हो गया है। यहां प्रेम कुमार ने जीतनराम मांझी पर हमले को सोची-समझी साजिश बताया तथा आरोप लगाया कि उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि दिनदहाडे़ लोजपा नेता की हत्या हो गई। बिहार में रोज ही घटनाएं हो रही हैं। इसके लिए नीतीश सरकार जिम्मेवार है। उन्होंने नीतीश कुमार से इस्तीफा की मांग की।

 

यह है पूरा मामला

कल लोजपा प्रखंड अध्यक्ष सुदेश पासवान अपने पत्नी के प्रचार-प्रसार के लिए दुबात गांव गए हुए थे। उनके साथ उनके भाई सुनील पासवान की पत्नी भी चुनावी मैदान में खड़ी हैं। दोनों भाईयों ने अपने समर्थकों के साथ चुनावी रैली निकाली थी। इसी बीच दो बाइक से आए चार नक्सलियों ने दोनों को गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।

 

गया जिला आज कर अपराध के लिए चर्चा में है।  अभी कुछ दिन पहले विधायक पुत्र द्वारा साईड नहीं देने के कारण गोली मारने का मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि फिर एक हत्या की खबर आ गई।

 

 

 

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