सलमान खान के दबंग फिल्म का चुलबुल पांडे तो याद ही होगा जो बाहुबली छेदी सिंह को उसी के अंदाज में उसी को धूल चटा दिया।
आज हम आपको एक ऐसे ही पुलिस ऑफ़िसर के बारे में बता रहे हैं, जो सिंघम या दबंग तो नहीं पर सिंघम से कम भी नहीं है और दबंग से कम चुलबुला भी नहीं!
ये ऑफ़िसर किसी पर्दे पर या बॉलिवुड की फ़िल्म में नहीं बल्कि बिहार के पटना में मिला है. बिहार का बच्चा भी अब शिवदीप लांडे बनने का सपना देखता है। बिहार में शिवदीप लांडे का रूतवा किसी सुपर स्टार से कम नही है बस फर्क इतना सा है वह नकली है, और लांडे असली है। लड़कियां तो लांडे की दिवानी है। लोग फिल्म स्टार का औटोग्राफ लेता है मगर बिहार की लड़कियां लांडे का औटोग्राफ लेती है।
बिहार के जिस जिलों में इनको काम करने का मौका मिला, वहां के लोग इनके बहादुरी, ईमानदारी और काम देख लोग इनके फैन बन गये।
उनकी प्रसिद्धि का आलम यह है कि जब उनका ट्रांसफर पटना से अररिया हुआ तो लोगों ने अपने सिंघम की वापसी के लिए शहर में कैंडल मार्च निकाल दिया.
पटना से इनके ट्रान्सफर होने पर इनके मोबाईल पर sms की लाईन लग गयी। करीब 2000 लड़कियों ने इनको मैसेज किया था।
पटना के इस सिंघम ने अररिया में भी क्रिमिनलों और माफियाओं के अलावा भ्रष्ट अधिकारियों की नाक में दम कर दिया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया. शिवदीप द्वारा चलाये गए अभियानों में निशाने पर वो लोग थे, जिनके डर से लड़कियां अपने घरों से निकलने में डरती थीं
इसके अलावा ये सिंघम अपनी समाज सेवा के लिए भी पहचाना जाता है.
शिवदीप अपनी सैलेरी का 60% एक NGO में दान कर देते हैं, जो गरीब बच्चों को आसरा प्रदान करने के अलावा गरीब लड़कियों की शादी करवाता है.
इलेक्ट्रिकल इंजीयरिंग में Graduation करने के बाद शिवदीप वमन लांडे देश सेवा करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने UPSC का रास्ता चुना और एक आई.पी.एस अधिकारी के रूप में अपनी सेवा शुरू की. पटना के Special Task Force में बतौर SP नियुक्त हुए.