बिहार ने देश में एक और समाजिक क्रांति का विगुल फूंक दिया है जिसका असर दिल्ली से तमिलनाडु तक दिख रहा है।
बिहार की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से शराब मुक्त करने के लिए पूरे प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट होकर आंदोलन कर रहे है।
झारखंड और यूपी में भी शराबबंदी के पक्ष में महौल बन रह रही है। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी में इस विषय पर सभा को सम्बोधित कर वहाँ चल रहे आंदोलन को और तेज कर दिया।
हाल ही समपन्न राज्यों के चुनाव में शराबबंदी एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा रहा है। यहाँ तक की तमिलनाडु में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनो ने सरकार में आने पर राज्य में पूर्ण शराबबंदी का घोषणा कर चुके है।
देश के कोने-कोने से अब यह माँग उठ रही है, तो अब यह प्रश्न भी उठने लगी है कि, क्या पूरे देश में शराबबंदी लागू कर देनी चाहिए???
गाँधी का चम्पारण आंदोलन, जेपी का छात्र आंदोलन के बाद, क्या बिहार फिर एक नये क्रांति का नायक बनेगा?
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